Teacher’s day – waqt

बड़े वक़्त के बाद वक़्त समझ आया
मिलीं ठोकरें इससे ही
इसने ही उठाया
कैसे न कहूँ वक़्त को ही उस्ताद मैं
इस ज़िन्दगी में
बदले लोग
और
उनका मतलब
इसने ही सिखलाया

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